Employees Enrolment New Scheme 2025: केंद्र सरकार ने देश की कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा में के दायरे में लाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है केंद्रीय श्रम एवं रोजगार एवं युवा मामले तथा खेल मंत्री ने नई दिल्ली में ईपीएफओ के 73वें स्थापना दिवस पर एम्पलाईज एनरोलमेंट स्कीम की शुरुआत की है इस योजना के माध्यम से स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा मिलेगा और उन कर्मचारियों को इस योजना से बड़ा लाभ मिलेगा जो अब तक भविष्य निधि स्वास्थ्य से बाहर चल रहे हैं अब इन सभी कर्मचारियों को फिर से मौका मिलेगा मंत्रालय ने इसे पारदर्शिता और सरलता बढ़ाने वाला कदम बताया है।
नियुक्ताओं को मिलेगा विशेष अवसर
श्रम मंत्रालय द्वारा तैयार की गई इस योजना के अंतर्गत नियुक्ताओं को विशेष मौका दिया जाएगा उन सभी पात्र कर्मचारियों को भी शामिल किया जाएगा जो 1 जुलाई 2017 से 23 अक्टूबर 2025 तक EPF कवरेज से बाहर हो गए थे यह योजना 1 नवंबर 2025 से 30 अप्रैल 2026 तक यानी की 6 महीने के लिए ही लागू हुई है इस दौरान नियोक्ता अपने कर्मचारियों को कर्मचारी भविष्य निधि पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत करवा कर नियमित कर सकते हैं।
कर्मचारियों को मिली राहत
मंत्रालय के अनुसार शुरू की गई इस योजना के अंतर्गत कर्मचारियों के हिस्से का अंशदान माफ कर दिया है अगर वह पहले नहीं काटा गया था कर्मचारियों को केवल अपने हिस्से का ही योगदान प्रशासनिक शुल्क ₹100 का प्रतीकात्मक दंड देना पड़ेगा यह सिर्फ ₹100 प्रति प्रतिष्ठान का जुर्माना तीनों EPF योजनाओं के लिए लागू होता है मंत्रालय ने इसे प्रदर्शित और सरलता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम बताया जिससे स्वेच्छिक भागीदारी बढ़ेगी और कर्मचारियों की संख्या में भी वृद्धि होगी।
क्या सामाजिक सुरक्षा के लिए खास है यह योजना?
यह योजना भारत में कार्यबल के औपचारिकरण और सामाजिक सुरक्षा को सशक्त करने की दिशा में अच्छा कदम है सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से देखें तो इस स्कीम से उन लाखों कर्मचारियों को लाभ होगा जो अब तक FPF व्यवस्था से नहीं जुड़े थे सरकार ने कहा है कि यह कदम सोशल सिक्योरिटी और रोजगार के लक्ष्य को देखकर निर्धारित हुआ है जो उन्हें काफी मजबूती देगा और हर श्रमिक को भारत की संगठित सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा बनाएगी सरकार की इस स्कीम से पारदर्शिता और जवाब बढ़ेगी और श्रमिक कल्याण की दिशा में अच्छी प्रगति होगी।
पुरानी गलतियों को सुधारने का मौका
सरकार ने कहा है कि वे प्रतिष्ठान जो धारा के अंतर्गत जांच का सामना कर रहे हैं वे भी इस योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकेंगे इन पर केवल नाम मात्र का जुर्माना शुल्क यानी ₹100 का सांकेतिक जुर्माना ही देना होगा जिससे नियुक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी और पुरानी गड़बड़ियों को सुधारने का अवसर भी प्राप्त होगा।







