68 लाख कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, वेतन से ज्यादा बढ़ेगी पेंशन, 57 दिन बाद होगी लागू 8th Pay Commission Pension Hike

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8th Pay Commission Pension Hike:: सातवें वेतन आयोग का कार्यकाल 57 दिन ही बचे हुए हैं, इसके बाद आठवीं वेतन आयोग का कार्यकाल शुरू हो जाएगा। सरकार ने आयोग के टर्म्स ऑफ़ रेफ़रेंस को मंजूरी दे दी है जिसकी अध्यक्षता रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई करेंगी। कर्मचारियों की सैलरी के साथ-साथ पेंशनधारकों के लिए भी बड़ी बढ़ोतरी होने वाली है। पेंशन में मुख्य रोल फिटमेंट फैक्टर का रहने वाला है। आठवीं वेतन आयोग की चर्चा शुरू होते ही सभी का ध्यान सैलरी और पेंशन पर ही जाता है। सरकार के पेंशनर्स पोर्टल के मुताबिक 30 अक्टूबर 2025 तक वर्तमान में 68.72 लाख पेंशनधारक हैं जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या केवल 50 लाख ही है। आठवें वेतन आयोग के टर्म्स ऑफ़ रेफ़रेंस की मंजूरी मिलने के बाद अब पेंशनधारकों की पेंशन में कितनी बढ़ोतरी होगी, आइए जानते हैं।

फिटमेंट फैक्टर से कितनी बढ़ेगी सैलरी

पेंशन बढ़ाने में सबसे अहम रोल फिटमेंट फैक्टर का ही रहने वाला है। यह एक मल्टिप्लायर है जिससे पुराने बेसिक वेतन या फिर पेंशन को नए स्ट्रक्चर में बदल दिया जाता है। साथ में सातवें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 निर्धारित किया गया था। ऐसे में अगर किसी पुराने कर्मचारियों की बेसिक सैलरी ₹10,000 है तो नई सैलरी बढ़कर ₹25,700 तक हो जाएगी। आठवें वेतन आयोग में कितना फिटमेंट फैक्टर रखा जाएगा यह सरकार की कैबिनेट करेगी और कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद वही फिटमेंट फैक्टर लागू होगा और उसी के आधार पर कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन में बढ़ोतरी होगी।

बेसिक पेंशन के साथ और क्या बदलेगा?

बेसिक पेंशन या फिर बेसिक सैलरी की बढ़ोतरी ही मुख्य मुद्दा नहीं है। टर्म्स ऑफ़ रेफ़रेंस में पेंशन से जुड़े कई अन्य पॉइंट भी शामिल किए गए हैं, जैसे कम्यूटेड पेंशन, फैमिली पेंशन, कंप्यूटेड पेंशन की बहाली, हर 5 साल में पेंशन धारकों की पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव, पुरानी पेंशन स्कीम और मेडिकल सुविधा तथा कैशलेस इलाज के साथ-साथ महंगाई राहत को वेतन और पेंशन में जोड़ने जैसे कई मुद्दे शामिल होंगे।

आठवें वेतन आयोग में पेंशनर्स ने रखी मांगे

ऑल इंडिया NPS एम्प्लॉइज़ फेडरेशन की ओर से फिटमेंट फैक्टर को अधिक रखने की मांग की गई है। वहीं कम्यूटेशन 15 साल से घटाकर 12 साल तक रखा जाना चाहिए। अभी 40% पेंशन की कटौती की जाती है। CGHS अस्पताल हर जिले में नहीं हैं। अभी सिर्फ ₹3,000 प्रति माह मेडिकल लाभ दिया जाता है, उसे ₹20,000 तक किया जाना चाहिए। इसके साथ-साथ कर्मचारी भी फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाने और पुरानी पेंशन बहाली जैसी मांगे रख चुके हैं।

कैसे बढ़ेगी 8वें वेतन आयोग में पेंशन

फिटमेंट फैक्टर के आधार पर ही पेंशन और वेतन में बढ़ोतरी होने वाली है। फिटमेंट फैक्टर के आधार पर कैलकुलेशन से समझा जाए तो मान लीजिए अगर किसी कर्मचारी की पुरानी बेसिक सैलरी ₹40,000 है तो पुरानी पेंशन 50% होगी यानी कि उसे ₹20,000 प्रति माह पेंशन मिलेगी। ऐसे में अगर फिटमेंट फैक्टर 2.57 रखा जाता है तो नई बेसिक सैलरी ₹1,02,800 होगी जबकि नई पेंशन ₹51,400 हो जाएगी। अगर फिटमेंट फैक्टर 3 रखा जाता है तो नई बेसिक सैलरी ₹1,20,000 होगी और नई पेंशन ₹60,000 प्रति माह हो जाएगी। वहीं अगर फिटमेंट फैक्टर 3.68 रखा जाता है तो नई बेसिक सैलरी ₹1,47,200 होगी और पेंशन बढ़कर ₹73,600 हो जाएगी। भाई, अगर फिटमेंट फैक्टर 2 रखा जाता है तो पेंशन ₹25,000 से बढ़कर सीधा ₹50,000 हो सकती है।

पेंशन का क्या है प्रकार और क्या पड़ेगा असर

बता दें ईपीएस आखिरी बेसिक सैलरी पर आधारित नई वेतन मैट्रिक्स से लागू होगी तो ईपीएस भी बढ़ जाएगी। फैमिली पेंशन पेंशनधारक की मृत्यु के बाद पति/पत्नी या परिवार को 30% बेसिक बढ़ोतरी के साथ मिलेगी; फैमिली पेंशन भी बढ़ जाएगी। लंबी सेवा या कम्यूटेशन रिस्टोर होने पर फिटमेंट फैक्टर ज्यादा होने पर भी पेंशन में बड़ी बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। बदलाव की बात की जाए तो नए वेतन मैट्रिक्स लागू होने पर ईपीएस भी बढ़ेगा; बेसिक बढ़ेगा तो फैमिली पेंशन भी बढ़ेगी। वहीं पेंशन धारकों की महंगाई राहत में भी बढ़ोतरी होगी—अगर पुरानी पेंशन ₹20,000 है तो 20% महंगाई राहत यानी ₹4,000 और नई पेंशन में ₹30,000 है तो महंगाई राहत 20% यानी ₹6,000 की बढ़ोतरी होगी।