UP Contract Employees News: उत्तर प्रदेश में संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी मानदेय बढ़ोतरी और नियमित नौकरी करने की लंबे समय से मांग कर रहे थे और अब सरकार और न्यायपालिका दोनों के लिए यह मांगे अहम मुद्दा बन चुकी है सरकार ने मानदेय बढ़ाने की घोषणा तो पहले ही कर दी है लेकिन वही नियतिकरण को लेकर फैसला अभी बीच में ही अटका हुआ है और इसी बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण हस्तक्षेप करते हुए महिला कल्याण विभाग के संविदा कर्मचारियों के मामले में राज्य सरकार को 6 महीने के अंदर रिपोर्ट देकर निर्णय लेने के कड़े निर्देश दे दिए हैं कोर्ट के इस निर्णय से हजारों संविदा कर्मचारियों को राहत और उम्मीद दोनों मिली है।
यूपी संविदा कर्मचारियों के लिए हाई कोर्ट का बड़ा फैसला
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महिला कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मचारियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार को अब देर नहीं करनी चाहिए और जल्द से जल्द कर्मचारियों को स्थाई करना चाहिए कोर्ट ने यह भी स्पष्ट आदेश दिया है कि 6 महीने के अंदर नियमितीकरण पर अंतिम निर्णय जल्द से जल्द लिया जाए यह आदेश हाईकोर्ट की ओर से दिया गया है सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं ने वर्ष 2013 से वात्सल्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत होने के बावजूद अब तक उन्हें नियमित न किये जाने पर आपत्ति जताई है।
नियतिकरण को लेकर कोर्ट ने दिखाई सख्ती
हाई कोर्ट ने कहा कि यदि किसी विभाग में कार्यभार लगातार और अधिक बना हुआ है और कर्मचारी इन पदों पर लगातार काम कर रहे हैं उनके नियमित न करने पर विचार न करना गलत है इस संबंध में विभागीय निर्देश की स्थिति स्पष्ट करने के आदेश भी दिए गए हैं लेकिन समय पर कोई जवाब नहीं मिलने के कारण नाराजगी दिखाते हुए कोर्ट ने शासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी स्थिति में 6 महीने के अंदर इन संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पर अंतिम निर्णय लिया जाना चाहिए ऐसे सभी संविदा कर्मचारी जो लंबे समय से नियमितिकरण की प्रतीक्षा कर रहे हैं उनके लिए यह फैसला बड़ा राहत भरा है।
हजारों संविदा कर्मियों के लिए उम्मीद की नई किरण
कोर्ट के इस फैसले ने प्रदेश के संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी में नई ऊर्जा का संचार किया है उनका मानना है कि यदि सरकार कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई करती है तो लंबे समय से लटक रही नियतिकरण की प्रक्रिया को अपनी दिशा मिल जाएगी और उनकी मांगे भी पूरी हो जाएगी और महिला कल्याण विभाग के साथ-साथ अन्य विभागों में भी कार्यरत संविदा कर्मचारी ने भी इस आदेश का स्वागत कर खुशी जताई है बता दे महिला कल्याण विभाग में हजारों की संख्या में कर्मचारी संविदा पर काम कर रहे हैं इसके अतिरिक्त प्रदेश के लगभग 100 से अधिक सरकारी विभागों में 10 लाख से अधिक आउटसोर्स कर्मचारी भी कार्य कर रहे हैं जो मानदेय बढ़ोतरी और स्थाई नियुक्ति की लंबे समय से मांग कर करते आ रहे हैं।
मानदेय बढ़ोतरी पर सरकार पहले ही ले चुकी है फैसला
संविदा कर्मचारियों के मानदेय को लेकर यूपी सरकार पहले ही घोषणा कर चुकी है और आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी भी दे चुकी है सेवा निगम के गठन की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही सरकार उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठित होने के बाद आउटसोर्स कर्मचारियो के मानदेय को चार श्रेणियां में बढ़ाया जाएगा न्यूनतम मानदेय ₹20,000 और अधिकतम मानदेय ₹40,000 निर्धारित हुआ है हालांकि अभी कर्मचारियों को निगम के शुरू होने का इंतजार है और लग रहा है जल्दी उनका इंतजार खत्म होगा।







