Contract Employees News: प्रदेश के अस्थाई संविदा और वर्क चार्ज कर्मचारियों के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक बड़ा ऐतिहासिक फैसला सुनाया है हाई कोर्ट ने कहा है कि नियमित नियुक्ति से पहले दी गई दैनिक वेतन, वर्क चार्ज या स्थाई सेवा को भी पेंशन के लिए मान्य सेवा (क्वालीफाइंग सर्विस) माना जाएगा यह फैसला न्याय मूर्ति मनीष माथुर द्वारा 78 रिट याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया गया है।
जाने पूरा मामला
यह मामला उत्तर प्रदेश के 78 संविदा कर्मचारियों से जुड़ा था इन कर्मचारियों ने उन आदेशों को चुनौती दी थी जिनमें उनकी शुरू की सेवाओं को पेंशन लाभों से जोड़ने से मना कर दिया गया था राज्य सरकार ने पेंशन न देने के लिए दो प्रमुख आधार बताए थे पहले आधार में कर्मचारियों की दैनिक वेतन या फिर वर्क चार्ज के रूप में की गई प्रारंभिक सर्विस को पेंशन के लिए अर्हक नहीं माना गया था उनकी सेवाओं को 1 अप्रैल 2005 की कट ऑफ तिथि के बाद नियमित किया गया था इसलिए उन्हें नई पेंशन योजना के दायरे में रखा गया था उन्हें पुरानी पेंशन योजना से बाहर कर दिया गया था कोर्ट ने इस पूरे मामले में संज्ञान लेते हुए संविदा कर्मचारियों को जो की 1974 में दैनिक वेतन या वर्क चार्ज के आधार पर नौकरी में आए थे उनमें से अधिकांश को 10 से 30 साल तक हो गए थे और इन कर्मचारियों को नियमित किया गया था वहीं कुछ कर्मचारी बिना नियमित हुए ही रिटायर हो गए थे।
संविदा कर्मचारियों ने कोर्ट में रखा अपना पक्ष
संविदा कर्मचारियों ने अपना पक्ष रखते हुए तर्क दिया की प्रेम सिंह केस में यह साफ कहा गया था कि अस्थाई दैनिक वेतन या वर्क चार्ज आधार पर दी गई सेवा को भी पेंशन में शामिल करना होगा उन्होंने कहा कि 2021 का एक्ट और 2025 का ऑर्डिनेंस केवल इस फैसले को निष्प्रभावी करने के लिए ही बनाया गया था वहीं राज्य सरकार की ओर से मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने कहा कि इन कर्मचारियों की नियुक्ति न तो मौलिक नियमों के अंतर्गत हुई थी और ना ही वे पेंशन के लिए अर्हक सेवा के दायरे में आते हैं।
कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
हाई कोर्ट ने 1 अप्रैल 2025 की कट ऑफ तिथि को गलत बताते हुए कहा कि जो सेवा दैनिक वेतन वर्गचार्य स्थाई आधार पर दी गई है उसे पेंशन के लिए अर्हक सेवा मान लिया जाएगा और जिन कर्मचारियों का नियमितीकरण 1 अप्रैल 2005 के बाद हुआ है उन सबको भी पेंशन का लाभ दिया जाएगा यहां तक की जो कर्मचारी बिना नियमित हुए ही रिटायर हो चुके हैं उन्हें भी पेंशन का अधिकार दिया जाएगा कोर्ट ने अंतिम आदेश जारी करते हुए कहा कि सभी याचिकाकर्ताओं की पुरानी सेवा अवधि को जोड़कर पेंशन का लाभ उपलब्ध कराया जाए।






